NEELAM GUPTA

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लेखनी कहानी -17-Nov-2021 टाइम ट्रेवल 20 साल बाद

20 साल बाद


मम्मी आज जॉब पर नहीं गए और आज आप कैसी लग रही हो आज क्या आपके ऑफिस में फैंसी ड्रेस कंपटीशन है जो आप नानी की तरह दिख रहे हो क्या बात है मुझे बताओ मुझे बहुत  ही एक्साइटमेंट हो रही है।


निमिका चुपचाप वहां से चली गई। मेरी बेटी ने मुझे पहचाना नहीं मेरी बेटी कैसे कैसे सवाल कर रहे थी जैसे मुझे पहचाना नहीं हो और नानी नानी कैसे हो सकती हूं अपनी माँ को कोई नानी कैसे बोल रही थी शायद सुबह-सुबह मजाक करने की आदत है इसे मुझे हमेशा सताती रहती है।


तभी उसके स्वरूप कैसी एक लेडी वहां आई  निमिका दरवाजे के पीछे दुबक गई ।यह तो बिल्कुल मेरे जैसी हूबहू  है लेकिन मैं तो यहां हूं फिर यह  कौन है उसने इतने मॉडल कपड़े क्यों पहने हुए हैं।


मैंने तो आज तक साड़ी के अलावा कुछ नहीं पहना । मैं वह भी जींस टॉप में ऐसा तो शायद मैंने कभी अपने आप को सोचा भी नहीं।


विन्नी ने कहा ..अरे मम्मी आप यहां हो और इतनी जल्दी चेंज कर लिया आपने ।अरे सुबह-सुबह तेरा दिमाग खराब हो गया है क्या ।मैं क्यों चेंज करूंगी भला।


निमिका की नजर वाल क्लाक जिस पर तारीख भी आ रही थी, की तरफ गई आज से 20 साल आगे यह कैसे हो सकता है तो क्या यह जो जींस टॉप में है मेरी बेटी आयशा है यह क्या हो रहा है मेरे साथ मैं तो अभी कुछ समय के लिए बाहर गई थी फिर इतनी जल्दी समय कैसे बीत सकता है? वह भी 20 साल कब मेरी बेटी की शादी हुई ?और कब उसके बेटी हुई?इन सवालों मे उलझी निमिका वहीं एक कोने में बैठ गई।


विन्नी एक गिलास पानी तो लाओ।हाँ नाना जी अभी लाती हूँ आचानचक निमिका की आँख खुली। मैं भी बिना बात तुम लोगों को परेशान करता रहता हूँ। तभी आयशा आई ।पापा आज ऐसे कह दिया है फिर से  मत कहना एक तो मम्मी के जाने के बाद बिल्कुल अकेले पड़ गए हो ।मैं आती हूँ तो भी मुझे कुछ करने नहीं देते कितनी बार कहा है मेरे साथ चलो ।वो तो मैं ही हूँ जब ये टूर पर जाते है तो मैं यहाँ चली आती हूँ।और आज तो मुझे आना ही था।


यह तो सही कहा बेटा तुमने मैं बिल्कुल अकेला पड़ गया हूं तुम्हारी मां के जाने के बाद।कितना बोलती थी तुम्हारी माँ।

और एक मैं था।हमेशा उसे चुप करा दिया करता था ।समय ही नहीं था कि उसकी बात सुनूं और समझू ,सिर्फ अपनी जिंदगी में मस्त रहता था। आज उसकी कमी बहुत खलती हैं।वह होती तो हम बुढा बूढी लड़झगड़ कर अपना समय पास कर लेते लेकिन वह हमें बीच रास्ते में छोडकर चली गईं।आज उसकी पुण्यतिथि हैं। समय भी कैसे भाग जाता है।तुम्हारे भाई की बाहर विदेश में अच्छी नौकरी लग गई वह वहीं का हो गयाऔर तुम भी अपने कैरियर मे सेट होकर विनित से शादी कर सेटल हो गई।समय कैसे पंख लगाए उड़.जाता हैं।पता भी न


लेकिन एक बात मुझे आज भी खलती हैं तुम्हारी माँ अपनी जिंदगी में कुछ करना चाहती थी और मैं ही उसका साथ न दे सका। यदि वह समय दुबारा आ जाए तो अपनी पिछली सब गलतियां सुधार लू। लेकिन ऐसा होता कहा है।


पापा आप भी न कैसी बातें लेकर बैठ गए।आज मम्मी ऊपर से आपको ऐसे देख परेशान होंगी।वैसे तो आपने माँ को कोई कमी नहीं छोड़ी है।बस हमें अकेला छोड़ कर जल्दी भगवान जी ने उन्हें अपने पास बुला लिया।


ओह मेरे बहादुर बेटा रो रहा हैं उसके जाने के बाद तुमने ही अपनी हिम्मत से सारा घर संभाला।आ मेरे पास आ ।


दोनों गले मिलकर निमिका की कमी महसूस कर रहे थे।


यह देखकर निमिका भी बहुत दुखी हुई और सोचने लगी क्या मैं सचमुच मर गई हूँ।

अपने पति के पश्चाताप से उसे एक सुकून एहसास हुआ।बस यही तो चाहती थीं ये मुझे समझे ।हे भगवान आपका बहुत बहुत शुक्रिया तुमने मेरा घर परिवार सुरक्षित रखा और प्यारी सी नातिन से मिलवाया।


तभी एक यान आया बोला वापस चलो प्रभु ने तुम्हारे कहने पर ही तुम्हें अपने परिवार के पास कुछ समय के लिए भेजा था क्योंकि तुम्हारा एक्सीडेंट हो गया था और तुम बिना समय ही मृत्यु को प्राप्त हुई ।इसलिए तुम्हें टाईम मशीन में. बिठाकर बीस साल बाद की स्थिति दिखाई।जिससे तुम्हारी आत्मा को परलोक ले जाया जा सके।


सही कहा मेरा परिवार ठीक है मुझे यहाँ से ले चलिए। और निमिका अपने परिवार को आँखों में बसा कर उन्हें आशीर्वाद देते हुए खुशी खुशी समय यान मे वापस चली गईं हमेशा के लिए।


तभी आयशा को महसूस हुआ उसकी यही थी।तभी विन्नी की बात याद आई उसने मुझे अपनी नानी के रूप में देखा था। माँ तुम कहाँ हो हम से बिना बताए वापस चली गयी।


बेटी तेरी माँ जहाँ भी होगी सही होगी तुम जैसी बेटी पाकर वह.सुनिश्चित होगी।


हा पापा कहकर आयशा अपनी मां को अपने अंदर महसूस करने लगी।

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5 Comments

Seema Priyadarshini sahay

18-Nov-2021 01:43 AM

बहुत खूबसूरत कहानी

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🤫

18-Nov-2021 01:10 AM

बहुत बढ़िया कहांनी।

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Shilpa modi

17-Nov-2021 07:50 PM

बहुत बढिय़ा लिखा आपने

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